

पौधो की किस्मों और किसानो के अधिकारो के संरक्षण हेतु कार्यक्रम मालेगांव, बारामती मे स्थित भाकृअनुप - राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान ने पौधो की किस्मों और किसानो के अधिकारो के संरक्षण के संन्दर्भ मे एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन (दि ०६ दिसंबर २०१७) किया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्य अतिथि श्री जयदीप तावरे, सरपंच, ग्रामपंचायत मालेगांव बु। ने किसानो को इस संस्थान द्वारा किए जा रहे शोधकार्य को अपनाने व यहाँ के वैज्ञानिको से ज्यादा से ज्यादा संपर्क बनाकर अपनी कृषि आधारित आमदनी को बढ़ाने का आवाहन किया। इस अवसर पर संस्था के निदेशक प्रोफेसर नरेंद्र प्रताप सिंह ने किसानो को इस कार्यक्रम के बारे मे विस्तृत जानकारी दी। उन्होने बताया की किसान लोग अपने आसपास के खेत पर उगाई जा रही पारंपरिक वनस्पति एवं फसलों की किस्मो को जो की किसी संस्थान द्वारा विमोचित नहीं की गयी है लेकिन किसान ऐसी किस्मों व वनस्पतियों को वर्षो से उगाते आ रहे है ऐसी किस्मों व वनस्पतियो को पौधा किस्म और कृषिक अधिकार संरक्षण (पीक वाण संरक्षण व शेतकरी हक्क कायदा २००१) के अंतर्गत पंजीकरण करवा कर अपनी पौधा किस्मों का संरक्षण कर सकते है। इन वनस्पतीयो मे कोई एक स्थायी विशिष्ट गुण होना चाहिए। ऐसी वनस्पतीया जो की विशेष व विलुप्त होने की कगार पर है उनको इस नियम के तहत पंजीकृत करके इसका लाभ उठाया जा सकता है। इसके लिए पौधा किस्म और कृषिक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा १ से १० लाख तक की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाने का भी प्रावधान है। इस अवसर पर डा रवि प्रकाश, कुल सचिव, पौधा किस्म और कृषिक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण नई दिल्ली ने भी इन वनस्पतियों के पंजीकरण हेतु उपक्रम प्रक्रिया के बारे मे विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम मे लगभग १५० किसानो एवं वैज्ञानिको ने हिस्सा लिया।
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