

भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को हिन्दी को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया। इस पावन दिवस की स्मृति में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। आईसीएआर- राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती में इस उपलक्ष्य में समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम के शुरुआत में संस्थान के निदेशक महोदय ने ‘राजभाषा प्रतिज्ञा’ दिलायी। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ सविता नाईक- निंबालकर, सहयोगी प्राध्यापक, मुधोजी महाविद्यालय, फलटण रही। उन्होने ‘हिन्दी साहित्य का उदद्भव और विकास’ इस विषय को उजागर किया। आदिकालीन से आधुनिक हिन्दी का प्रवास डॉ सविता नाईक-निंबालकर महोदया बड़ी सरलता से समझाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के निदेशक डॉ हिमांशु पाठक जी ने की। उन्होने संस्कृत और हिन्दी सहित भारतीय भाषाओं की समृद्धता और साहित्य में वर्णित कल्पनाओं को वैज्ञानिक परिप्रेक्ष से कैसे देखा जाएँ इसका विवेचन किया। संस्थान के चार प्रभागों के प्रमुखों ने अलग अलग विषयों पर सम्बोधन किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से डॉ वनिता सालूँखे, डॉ संग्राम चव्हाण, डॉ विजयसिंह काकडे, डॉ अविनाश निर्मले तथा डॉ परितोष कुमार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का सूत्रसंचालन समिति सदस्य डॉ प्रवीण तावरे ने किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से ‘हिन्दी पखवाड़ा’ समारोह का शुभारंभ भी किया गया। जिसमे 28 सितंबर तक विविध प्रतियोगिताओं के द्वारा हिन्दी में रुचि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
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